Karva chauth ke bare me pramukh jankari | करवा चौथ तारीख और समय - व्रत का महत्व - रितुअल्स और पूजा - करवा चौथ का पर्व भारतीय संस्कृति में महत्व

Karva chauth ke bare me pramukh jankari:

करवा चौथ (Karva Chauth) एक पारंपरिक हिन्दू त्योहार है जो विशेष रूप से पतिव्रता व्रत के लिए जाना जाता है। यह व्रत भारत में सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, खासकर उत्तर भारत में। इस व्रत का पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, ज्हारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश में मनाया जाता है।

करवा चौथ तारीख और समय:

करवा चौथ का त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (14वीं तिथि) को मनाया जाता है। इस दिन पत्नी अपने पति की लंबी उम्र और पति की खुशी-सुखी जिंदगी की कामना करती है। यह व्रत पूर्ण किया जाता है, जब सूर्यास्त के बाद पूजा की जाती है और चाँद पूजा के बाद व्रत तोड़ा जाता है।

करवा चौथ व्रत का महत्व:

करवा चौथ का व्रत पतिव्रता, प्रेम और सौभाग्य की प्रतीक है। पत्नी इस दिन पति की दीर्घायु और खुशी के लिए व्रत करती है और उसकी खुशी-सुखी जिंदगी की कामना करती है। यह एक बड़ी महिला समुदाय में प्रस्तुत करने वाली प्रेम और समर्पण की भावना का प्रतीक है।

करवा चौथ रितुअल्स और पूजा:

- पत्नी इस व्रत के दिन सुबह से उपवास रखती है और खाना पिना नहीं करती है।

- पतिव्रता व्रत की कथा सुनती है और पूजा में सम्मिलित होती है।

- पतिव्रता कथा को सुनने के बाद, पत्नी पति की मूर्ति या पति की फोटो की पूजा करती है।

- पत्नी पतिव्रता कथा को सात सजग और व्रती स्त्रीयों के साथ साझा करती है और फिर चाँद की पूजा के बाद उसे देखकर आशीर्वाद प्राप्त करती है।

Note : करवा चौथ का यह पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है

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